गोपालगंज. कुचायकोट प्रखंड की बखरी पंचायत में हुए मुखिया के चुनाव की मतगणना में गड़बड़ी को लेकर मुंसिफ पीयूष पायल के कोर्ट ने एक बूथ पर दोबारा चुनाव कराने का आदेश दिया है. कोर्ट ने एक इवीएम की गणना नहीं होने को सत्य माना और बखरी पंचायत के मुखिया के लिए 17 नवंबर 2021 के चुनाव के परिणाम को शून्य घोषित किया. आगे कुचायकोट के बीडीओ सह रिटर्निंग ऑफिसर (पंचायत चुनाव 2021) व सीओ सह सहायक निर्वाचन पदाधिकारी को बूथ संख्या- 365 पर नये सिरे से निष्पक्ष चुनाव कराने और अंतिम परिणाम घोषित करने का निर्देश दिया है.
कुचायकोट प्रखंड की बखरी पंचायत में मुखिया पद को लेकर दिखने लगी सरगर्मी
कोर्ट ने अपीलकर्ता पूर्व मुखिया चंद्रकांत सिंह के अधिवक्ता शैलेंद्र तिवारी व बचाव पक्ष मुखिया शक्ति नारायण सिंह के अधिवक्ता शैलेश कुमार यादव, एसके तिवारी व बीएन पांडेय की दलीलों को सुनने के बाद अपना फैसला सुनाया है. कोर्ट का फैसला आने के बाद बखरी पंचायत में मुखिया पद को लेकर फिर से सरगर्मी दिखने लगी है.
एक इवीएम की मतगणना नहीं होने का आरोप
मुखिया का चुनाव हार चुके पूर्व मुखिया चंद्रकांत सिंह ने मुंसिफ के कोर्ट में मुकदमा दाखिल कर आरोप लगाया था कि 15 नवंबर 2021 को बखरी में बूथ संख्या- 365 पर मतदान शुरू होने के बाद महज 11 वोट पड़े थे, तभी इवीएम में खराबी आ गयी. बाद में इवीएम को बदला गया, लेकिन मतगणना के दौरान पुरानी इवीएम के 11 वोटों की मतगणना नहीं हुई. चुनाव पदाधिकारियों के पास अपील करने के बाद भी नहीं सुनवाई हुई और रिजल्ट घोषित कर दिया गया था.
महज तीन वोटों से हुआ था फैसला
कुचायकोट चुनाव में शक्ति नारायण सिंह महज तीन वोटों से विजयी घोषित किये गये थे. मतगणना में शक्ति नारायण सिंह को 1474, जबकि निकट प्रतिद्वंद्वी चंद्रकांत सिंह को 1471 मत मिले थे. मतगणना के दौरान दोनों के बीच काफी तनातनी बनी रही.