मोहन सरकार ने छतरपुर उपद्रव मामले में कठोर कार्रवाई की है। आरोपी हाजी शहजाद अली के महल को मिट्टी में मिला दिया है। इसकी अनुमानित कीमत पांच करोड़ रुपए से अधिक है। आलीशान महल को प्रशासन ने बुलडोजर से जमींदोज कर दिया है। यही नहीं, घर तोड़ने के दौरान वहां खड़ी गाड़ियों को भी चकनाचूर कर दिया है। बताया जा रहा है कि हाजी शहजाद अली कांग्रेस का जिला उपाध्यक्ष भी रहा है। उसके घर में खड़ी एक गाड़ी पर उपाध्यक्ष का प्लेट भी लगा हुआ था।
थाने में भीड़ के साथ किया था उपद्रव
विवादित टिप्पणी के मामले में भीड़ हाजी शहजाद अली के नेतृत्व में ही थाने पहुंची थी। इसके बाद छतरपुर जिले के कोतवाली थाने को घेरकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। भीड़ देखते ही देखते आक्रामक हो गई है और पत्थरबाजी करने लगी। 10 मिनट तक पत्थरबाजी करती रही। इस दौरान कई पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं। कोतवाली थाने के प्रभारी को गंभीर चोट लगी है। पुलिस के अनुसार हाजी शहजाद अली ही आंदोलन का नेतृत्व कर रहा था। पुलिस ने 50 लोगों पर नामजद एफआईआर की है। साथ ही 200 अज्ञात लोगों पर भी केस दर्ज किया है।
हाजी शहजाद अली और उसके सहयोगियों के घर तोड़े
घटना के बाद सीएम मोहन यादव ने सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे। प्रशासन की टीम ने वीडियो फुटेज के आधार पर लोगों की पहचान की। इसके बाद हाजी शहजाद अली के घर पर बुलडोजर और पोकलेन मशीन के साथ पहुंच गई। हाजी शहजाद अली का घर इलाके की शान थी। इसके कुछ घंटों के अंदर ही प्रशासन की टीम ने नेस्तानबुद कर दिया। घर को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया गया है।
5 करोड़ से अधिक थी कीमत
हाजी शहजाद अली का घर इलाके में बेहद खास था। वह उस इलाके का सबसे बड़ा नेता था। घर की कीमत 5 करोड़ से अधिक थी। दूर से ही यह अलग दिखता था। प्रशासन की टीम जब कार्रवाई करने पहुंची तो कोई विरोध करने भी नहीं आया।
गाड़ियों को भी चकनाचूर कियावहीं, घर के अंदर जो गाड़ियां खड़ी थीं, उन्हें भी प्रशासन ने चकनाचूर कर दिया। तीन महंगी लग्जरी गाड़ियों को बुलडोजर और पोकलेन मशीन से रौंद दी गई है। इसके वीडियो सामने आए हैं। हाजी अली के साथ-साथ उसके कुछ सहयोगियों के भी मकान तोड़े गए हैं, जो इस हिंसा में शामिल थे। पुलिस की टीम लगातार उपद्रवियों पर कार्रवाई कर रही है।