रांचीः झारखंड चुनाव के लिए एनडीए की पार्टियों ने सीटों का बंटवारा कर लिया है। भाजपा ने सहयोगी दलों में आजसू पार्टी को नौ सीटें दी हैं। जेडीयू को दो सीटें मिली हैं। लोजपा (रामविलास) को एक सीट ऑफर की गई है। जीतन राम मांझी के नेतृत्व वाले हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) पार्टी की इच्छा भी झारखंड में विधानसभा चुनाव लड़ने की रही है, लेकिन उसे कोई सीट नहीं दी गई है।
आजसू को 10 सीटें, पर कंडिशन लागू
सुदेश महतो के नेतृत्व वाली आजसू पार्टी को 10 सीटें दी गई हैं। हालांकि इसके साथ शर्त है। एक सीट पर लोजपा (आर) को ऑफर की गई है। अगर चिराग पासवान मान जाते हैं तो आजसू को नौ सीटों पर ही चुनाव लड़ना पड़ेगा। नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले जेडीयू को दो सीटें दी गई हैं। इनमें एक सीट सरयू राय के जेडीयू में शामिल हो जाने के बाद सिटिंग सीट हो गई है।
औपचारिक घोषणा दो-तीन दिन में
झारखंड में भाजपा के दूसरे चुनाव प्रभारी असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा की मानें तो सीट बंटवारे का औपचारिक ऐलान दो-तीन दिनों के अंदर हो जाएगा। भाजपा अपने उम्मीदवारों की सूची भी उसी दिन जारी कर देगी। हिमंता के मुताबिक सीट बंटवारे पर सहयोगी दलों के साथ सहमति बन चुकी है। भाजपा एक बार में अपने सभी उम्मीदवारों की सूची जारी नहीं करेगी। पहली सूची दो-तीन में आएगी। दूसरी सूची में बाकी उम्मीदवारों के नाम होंगे।
झारखंड चुनाव पहली सूची में एसटी सीटों के उम्मीदवार
पहली सूची में अनुसूचित जनजाति (एसटी) की 28 उम्मीदवारों के नाम होंगे। भाजपा पिछली बार इनमें सिर्फ दो सीटें ही जीत पाई थी। भाजपा की सर्वाधिक चिंता इन्हीं सीटों को लेकर है। इसके लिए भाजपा ने अनुसूचित जनजाति से आने वाले अपने दिग्गज नेताओं को मैदान में उतारने का फैसला किया है।
बाबूलाल मरांडी को छोड़ अर्जुन मुंडा और चंपाई सोरेन समेत कई बड़े नेताओं के नाम एसटी सीटों के लिए भाजपा ने तय किए हैं। हालांकि एक जानकारी यह भी निकल कर सामने आ रही है कि अर्जुन मुंडा खुद चुनाव लडना नहीं चाहते। अपनी जगह वे पत्नी मीरा मुंडा को प्रत्याशी बनाना चाहते हैं।
झारखंड चुनाव भाजपा कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती
भाजपा पिछली बार हेमंत सोरेन मात खा गई थी। इस बार उसने पिछली गलतियों से सीख लेकर कई बदलाव किए हैं। इस क्रम में भाजपा ने पूर्व सीएम और अभी ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास को चुनावी परिदृश्य से बाहर रखा है।
पहले चर्चा थी कि रघुवर दास राजभवन छोड़ कर झारखंड की राजनीति में वापसी चाहते हैं। ऐसा न हो पाने पर उन्होंने अपने किसी परिवारी जन को टिकट दिलाने का प्रयास किया। भाजपा ने उनकी बातें नहीं मानीं। हां, जमशेदपुर पूर्वी की सीट वे सरयू राय से मुक्त कराने में जरूर कामयाब रहे हैं।
झारखंड चुनाव बदल गया सरयू राय का चुनाव क्षेत्र
पुख्ता जानकारी यह है कि सरयू राय अपने पुरानी सीट जमशेदपुर पश्चिम से जेडीयू के टिकट पर लड़ेंगे। रघुवर दास को हरा कर जमशेदपुर पूर्वी सीट झटकने वाले इस शर्त पर वह सीट छोड़ने को तैयार हुए कि वहां से रघुवर दास के परिवार के किसी सदस्य को उम्मीदवार न बनाया जाए। भाजपा भी रघुवर के साए से बचना चाहती थी। इसलिए सरयू की शर्त स्वीकार कर ली गई।