पति-पत्नी के विवाद के बीच पुलिस का मानवीय चेहरा सामने आया, जहां पुलिस ने पहले तो पीड़ित को एम्स में इलाज के लिये भर्ती कराया, वहीं बच्ची को मातृ छाया ले गई।मेरी माँ को पिता ने इस कदर मारा कि अब तब वो मरने ही वाली थीं, क्योंकि जो माँ मुस्कुराकर कभी मुझे लाड़ प्यार करती थीं.. उसका चेहरा तो पूरी तरह मेरे पिता ने मार-मारकर कुचल डाला था। मुझे बहुत डर लग रहा था कि मेरी माँ की जान तो नहीं चली गई! तभी ईश्वर के रूप में ख़ाकी वर्दी में कुछ लोग आ गये, मेरी अम्मा के प्राण बचाने… ओह, मेरी माँ अब बच गई। पापा को वो सज़ा दिलायेंगे न! मेरा क्या होगा अब?
पति आँटी मुझे लेकर कुछ और आँटियों के पास ले गईं, थैंकयू पुलिस अंकल!!
बुधवार की देर रात रायपुर के आमानाका क्षेत्र में एक मासूम बच्ची बिना होंठ हिलाये शायद यही कहती रही होगी। दरअसल रायपुर के आमानाका क्षेत्र में पति पत्नी के बीच भयंकर विवाद हो गया। इस दौरान आरोपी अशोक साहू द्वारा पत्थर से अपनी पत्नी निर्मला साहू का सिर कुचल दिया गया। खून से लथपथ महिला तड़पती रही और मौक़े पर एक वर्ष की मासूम बच्ची चित्कार कर रही थी। तभी रायपुर पुलिस के जवान मौके पर पहुँचते हैं और महिला की जान बचाकर उसे एम्स रायपुर ले जाते हैं, जहां महिला का ईलाज कराया जा रहा है।
वहीं अपराध पंजीबद्ध कर आरोपी अशोक साहू को अरेस्ट कर लिया गया है। पति पत्नी के विवाद के बीच पुलिस का मानवीय चेहरा सामने आया, जहां पुलिस ने पहले तो पीड़ित महिला को एम्स में इलाज के लिये भर्ती कराया, वहीं विवाद वाले पति पत्नी की बच्ची को देर रात सेवा भारती मातृ छाया ले जाया गया, जहां वो सकुशल है।
मामले में धारा 109 BNS के तहत अपराध क्र. 328/24 कायम कर लिया गया है। गम्भीर रुप से घायल पीड़िता निर्मला साहू फ़िलहाल वेंटीलेटर पर है, जिसका सीटी स्कैन हो गया है। घटना स्थल का निरीक्षण फोरेंसिक टीम कर चुकी है। बताया जा रहा है कि कोरबा से पीड़िता के घर वाले आने वाले हैं। फ़िलहाल पीड़िता का एम्स रायपुर में ईलाज चल रहा है।
बता दें कि रायपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह के रायपुर में कमान सँभालने के बाद पुलिस का अनेक बार मानवीय चेहरा अनेक घटनाओं पर सामने आया है। ‘निजात’ अभियान के द्वारा रायपुर पुलिस अनेक आयोजनों के ज़रिए सीधे आम लोगों से कनेक्ट हो रही है। नशे के विरुद्ध जनजागरुकता के तहत लोगों के सहयोग से स्कूल, कॉलेज और सार्वजनिक जगहों पर लगातार ‘निजात’ के तहत कार्यक्रम किए जा रहे हैं। नशे के आदी सैकड़ों लोगों की लिस्टिंग कर उनकी विभिन्न संस्थाओं की मदद थानों में काउंसलिंग की जा रही है।
क्या घटना हुई? एक साथ बची तीन ज़िंदगियाँ
पता चला है कि आरोपी अशोक साहू अपनी पति-पत्नी निर्मला साहू और दुधमुही बच्ची को कोरबा से लेकर काम की तलाश में रायपुर आता है। इधर उधर भटकने के बाद निर्माणाधीन व्यवसायिक परिसर में ठेकेदार द्वारा मजदूरी का काम और छोटा सा कमरा उसे मिलता है। उसी कमरे में पति पत्नी विवाद होने से पति अपनी पत्नी को मारपीट कर अधमरा कर देता है और घटना को बच्ची अपने आंखो से देख कर चीख चीख कर रोने लगती है।
उस चीख की आवाज पास से गुजार रहे थाना आमानाका पेट्रोलिंग को सुनाई पड़ती है। आलोक बंछोर, राजेश वर्मा निर्मला साहू को तत्काल एम्स रायपुर में ले जाकर समय पर भर्ती करते हैं और ब्लड की भी व्यवस्था कर निर्मला की जान बचाते हैं। आरोपी के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध कर गिरफ्तार किया जाता है। मां के वेंटीलेटर में होने की वजह से पिता के अरेस्ट होने से बच्ची अकेली हो जाती है और मां और पिता को ढूंढने लगती है, बच्ची अकेली हो जाती है।
तब उस बच्ची को पुलिस संभालती है और मां और पिता दोनों की भूमिका रायपुर पुलिस के द्वारा निभाई जाती है। जहां पुलिस अपने बच्चो को समय नही दे पाती वही ऐसी घटना बाद खाकी का मार्मिक चेहरा दिखाई देता है। पूरा थाना उस बच्ची बारी बारी से दूध बिस्किट खाना खिलाता है और बच्ची के आंसु को पोछता है, पुलिस समाजसेविका को बुलाकर बच्ची को सुरक्षित मातृ छाया कोटा में सुपुर्द करता है। पूरी घटना में पुलिस की तत्परता विजिबिटी से मां की जान और बेटी की जान बचाई जा सकी।