पीएम मोदी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 सितंबर से 23 सितंबर तक तीन दिवसीय अमेरिका यात्रा पर रहेंगे। इस दौरान कई महत्वपूर्ण बैठकों और कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। इसमें QUAD लीडर्स समिट, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ द्विपक्षीय वार्ता और संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ द फ्यूचर’ में शामिल होंगे। इस यात्रा के दौरान भारत और अमेरिका के बीच दवा क्षेत्र में एक समझौते और इंडो-पैसिफिक आर्थिक ढांचे से जुड़े एक समझौते पर मुहर लगने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री मोदी शनिवार तड़के अमेरिका के लिए रवाना होंगे और सीधे राष्ट्रपति बाइडन के डेलावेयर स्थित आवास जाएंगे, जहां उसी दिन क्वाड लीडर्स समिट आयोजित होगा।
QUAD समिट में शामिल होंगे पीएम मोदी
QUAD शिखर सम्मेलन 2024 पहले भारत में ही आयोजित होना था, लेकिन अमेरिका के अनुरोध पर भारत ने इसे 2025 तक के लिए टाल दिया। जिससे राष्ट्रपति बाइडन एक बार फिर पीएम मोदी, जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीस की मेजबानी कर सकें। भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि इन चारों नेताओं के बीच कई मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है। इनमें गाजा की स्थिति, रूस-यूक्रेन जंग और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में स्थिरता शामिल हैं। मोदी की यात्रा के दौरान तीनों नेताओं के साथ उनकी द्विपक्षीय बैठकें भी होंगी। जानिए पीएम मोदी के अमेरिका दौरे में बातचीत के एजेंडे की पूरी लिस्ट।
बाइडन से मुलाकात, इन एजेंडों पर लगेगी मुहर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से मुलाकात करेंगे। यह मुलाकात शनिवार यानी 21 सितंबर को होगी। दोनों नेताओं के बीच कई मुद्दों पर बातचीत होगी। इनमें भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूत करना भी शामिल है। इस मुलाकात में कई समझौतों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है। इनमें से एक समझौता IPEF से जुड़ा है। IPEF यानी इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क फॉर प्रोस्पेरिटी। इसके तहत भारत दो और क्षेत्रों स्वच्छ अर्थव्यवस्था और निष्पक्ष अर्थव्यवस्था में शामिल होगा। इसके अलावा, भारत-अमेरिका दवा क्षेत्र में सहयोग को लेकर भी समझौता हो सकता है।
रूस-यूक्रेन जंग का भी उठेगा मुद्दा
पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन के बीच रूस-यूक्रेन युद्ध पर भी चर्चा होगी। यह मुद्दा क्वाड देशों की बैठक में भी उठेगा। क्वाड में भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं। हालांकि, भारत ने अभी तक शांति पहल का कोई प्रस्ताव नहीं रखा है। भारत सरकार का कहना है कि वह इस मामले में सीधे मध्यस्थता नहीं करेगी।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि नेताओं के बीच बातचीत जारी है। किसी भी प्रस्ताव को आगे रखने के लिए, हमें यह देखना होगा कि कितनी सहमति बनती है और क्या हम एक ऐसे चरण तक पहुंच सकते हैं जहां एक प्रस्ताव को बड़े दर्शकों के सामने रखा जा सके। इसलिए, मुझे लगता है कि हमें थोड़ा इंतजार करने की जरूरत है।
IPEF से जुड़े समझौते पर चर्चा
भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने आगे कहा कि भारत IPEF के दो और स्तंभों में शामिल हो रहा है। व्यापार स्तंभ में भारत की भागीदारी को लेकर बातचीत जारी है। IPEF में 14 इंडो-पैसिफिक देश शामिल हैं। इसका उद्देश्य क्षेत्र में विकास और समृद्धि को आगे बढ़ाने के लिए आर्थिक सहयोग को मजबूत करना है।
2022 में शुरू किया गया IPEF, 14 देशों की एक पहल है जिसमें चार स्तंभ हैं – व्यापार, आपूर्ति श्रृंखला, स्वच्छ अर्थव्यवस्था और निष्पक्ष अर्थव्यवस्था। भारत आपूर्ति श्रृंखला स्तंभ का अप्रूवल पहले ही कर चुका है। क्वाड शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी ऑस्ट्रेलिया के पीएम और जापान के पीएम एंथनी अल्बनीज और फुमियो किशिदा के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे।
द्विपक्षीय बैठक में दोनों नेता भारत और अमेरिका के बीच ‘व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी’ की समीक्षा के लिए ‘ठोस बातचीत’ भी करेंगे। उनकी बातचीत में रक्षा, समुद्री सुरक्षा और अंतरिक्ष के मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है।
बड़ी आईटी कंपनी, AI CEO संग मुलाकात
22 सितंबर को, मोदी न्यूयॉर्क के लॉन्ग आइलैंड में एक कार्यक्रम में भारतीय समुदाय से मुलाकात करेंगे, जिसका आयोजन स्थानीय स्तर पर किया जा रहा है। पीएम मोदी बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनियों, विशेष रूप से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), क्वांटम कंप्यूटिंग और जैव-प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (CEO) के साथ गोलमेज बैठक की मेजबानी भी करेंगे। अमेरिका की कुछ सबसे बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनियों के प्रमुखों के इसमें मौजूद रहने की उम्मीद है।
अमेरिका दौरे पर इन मुद्दों परभी होगी वार्ता
हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के खतरे पर चर्चा करने के अलावा, क्वाड बैठक स्वास्थ्य सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन, महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों, HADR बुनियादी ढांचे, संपर्क, समुद्री सुरक्षा और आतंकवाद विरोधी से संबंधित मुद्दों पर केंद्रित होगी। मिस्री ने इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं की कि क्या भारत रूस-यूक्रेन युद्ध के लिए अपना शांति प्रस्ताव पेश करेगा,
लेकिन उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारतीय नेतृत्व दोनों देशों के संपर्क में है, और पीएम मोदी ने अगस्त में कीव की अपनी यात्रा के बाद बाइडेन से बात की थी। यह चौथा प्रत्यक्ष क्वाड शिखर सम्मेलन (और कुल मिलाकर छठा) राष्ट्रपति बाइडेन और प्रधानमंत्री किशिदा दोनों के लिए विदाई भेंट होगी। बाइडेन दूसरे कार्यकाल के लिए चुनाव नहीं लड़ रहे हैं, और उनका वर्तमान कार्यकाल जनवरी 2025 में समाप्त हो जाएगा, जबकि किशिदा ने कहा है कि वह सितंबर के अंत तक इस्तीफा दे देंगे।
संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ द फ्यूचर’ में शामिल होंगे पीएम मोदी
पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा का समापन 23 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ द फ्यूचर’ में उनके संबोधन के साथ होगा। इसमें प्रधानमंत्री भारत की प्राथमिकता, अर्थात् समावेशी और न्यायसंगत सतत विकास, सहयोग और ‘ग्लोबल साउथ’ के सामने आने वाले मुद्दों को रेखांकित करेंगे।
भारत में तीसरे ‘वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ’ शिखर सम्मेलन के दौरान उठाई गई कई चुनौतियों का उल्लेख ‘समिट ऑफ द फ्यूचर’ के दौरान किया जा सकता है। दो दिवसीय यह शिखर सम्मेलन वर्तमान के मुद्दों और भविष्य की चुनौतियों पर एक नई वैश्विक सहमति बनाने के लिए दुनिया के नेताओं को एक साथ लाने का संयुक्त राष्ट्र का एक प्रयास है। न्यूयॉर्क में मोदी और अन्य देशों के प्रमुखों के बीच कई द्विपक्षीय बैठकें होने की उम्मीद है।