बिहार के तीन जिलों में मौत के तांडव का पांचवां दिन है। जहरीली शराब से छपरा, सीवान और गोपालगंज में कोहराम मचा हुआ है। जहरीली शराब पीने से 30 से ज्यादा लोगों की मौत की सूचना है। कई लोग अस्पताल में भर्ती हैं। पुलिस ने मामले में जांच शुरू कर दी है। पटना में सीएम नीतीश कुमार भी ऐक्टिव दिख रहे हैं।
मीटिंग के बाद ऐक्शन के आदेश दिए गए। वहीं, कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया गया है। पुलिसवालों पर भी गाज गिरी है। तीन जिलों 16 गांवों में परिजनों की स्थिति अत्यंत दुखद है। दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। इन सबके बीच नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बिहार के ब्यूरोक्रेसी पर सवाल उठाया है।
बिहार में जहरीली शराब ने फिर बरपाया कहर
बिहार में जहरीली शराब ने फिर कहर बरपाया है। गोपालगंज, सीवान और सारण जिलों के 16 गांव इससे प्रभावित हुए हैं। 30 से ज्यादा लोगों की मौत की सूचना है। हालांकि, आधिकारिक तौर पर ये डेटा 24 है, जबकि कई मीडिया रिपोर्ट ये आंकड़ा 36 का है। मरने वालों में एक महिला भी शामिल है। बताया जा रहा है कि सीवान में 26 और सारण में 10 लोगों की जान गई है। कई लोगों का इलाज चल रहा है और उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है।
बिहार के डीजीपी आलोक राज ने कहा कि अभी तक जहरीली शराब पीने से 24 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। सीवान जिले में 20 और सारण जिले में 4 मौतें हुई है। सबसे ज्यादा प्रभावित इलाका सारण जिले का मशरक और भगवानपुर बाजार है। इस घटना को राज्य सरकार काफी गंभीरता से ले रही है और बिहार पुलिस कड़ी कार्रवाई के लिए मौके पर पहुंची है। घटना की सूचना के बाद एसपी और डीआइजी ने प्रभावित इलाकों का दौरा किया और संदिग्ध लोगों से पूछताछ की।
जहीरील शराब कांड की शुरुआत 13 अक्टूबर को सीवान के भगवानपुर हाट से हुई। यहां से लोगों ने पाउच वाली जहरीली शराब खरीदी और पी। इसके बाद सारण के मसरख थाना क्षेत्र के इब्राहिमपुर गांव में भी जहरीली शराब पीने से लोगों की तबियत बिगड़ने लगी। सीवान में अब तक 26 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 44 लोगों का इलाज चल रहा है। सारण में मरने वालों की संख्या 10 हो गई है। दोनों जिलों के अस्पतालों में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
जहरीली शराबकांड में 5 पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई
प्रभावित लोगों में 5 की आंखों की रोशनी भी चली गई है। गंभीर रूप से बीमार लोगों को पटना के PMCH रेफर किया गया है। मृतकों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। पुलिस ने इस मामले में कई लोगों को हिरासत में लिया है। सारण पुलिस के अनुसार, ‘जिले के मसरख थाना क्षेत्र के इब्राहिमपुर गांव में जहरीली शराब पीने से 2 लोगों की मौत हुई है और 2 अन्य का इलाज चल रहा है। इस मामले में केस दर्ज कर 8 आरोपियों को हिरासत में लिया गया है। इस मामले में शामिल आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए SIT गठित की गई है।’
सीवान में भी पुलिस ने कार्रवाई करते हुए मशरक थानाध्यक्ष समेत 5 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया। इब्राहिमपुर गांव के चौकीदार महेश राय और ASI रामनाथ झा को निलंबित किया गया। मशरक थानाध्यक्ष धनंजय राय, SI छविनाथ यादव को शॉ कॉज नोटिस दिया गया है। इन पर लापरवाही बरतने का आरोप है। बिहार पुलिस की शराब निषेध इकाई की SIT मामले की जांच कर रही है। ASP संजय झा के नेतृत्व में टीम घटनास्थल का दौरा कर चुकी है।
जहरीली शराब कांड की सीएम नीतीश ने की समीक्षा
वहीं, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सीवान और सारण में हुई जहरीली शराब कांड की उच्चस्तरीय समीक्षा की। इसके बाद मुख्यमंत्री ने मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के सचिव को निर्देश दिया कि वे घटनास्थल पर जाकर पूरी स्थिति की जानकारी लेकर सभी बिन्दुओं पर सघन जांच करें। मुख्यमंत्री ने एडीजी (प्रोहिबिशन) की पूरी टीम को घटनास्थल पर जाकर उसकी सघन जांच कर इस कांड में संलिप्त लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री ने पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिया कि पूरे घटनाक्रम की अपने स्तर से लगातार मॉनीटरिंग करते रहें और इस घटना के लिए जो भी दोषी हों उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री ने राज्य के लोगों से अपील करते हुए कहा कि शराब पीना बुरी बात है, यह लोगों को समझना चाहिए। शराब पीने से न सिर्फ स्वास्थ्य खराब होता है बल्कि परिवार और समाज में अशांति का माहौल भी उत्पन्न होता है। राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू है। इसका सभी लोग पालन कर रहे हैं। कुछ असमाजिक तत्व समाज में अशांति पैदा करना चाहते हैं, उनसे लोग सतर्क रहें।
तेजस्वी यादव ने बिहार के ब्यूरोक्रेसी पर उठाया सवाल
तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, ‘सत्ता संरक्षण में जहरीली शराब के कारण 27 लोगों की हत्या कर दी गई है। दर्जनों की आंखों की रोशनी चली गई। बिहार में कथित शराबबंदी है लेकिन सत्ताधारी नेताओं-पुलिस और माफिया के गठजोड़ के कारण हर चौक-चौराहों पर शराब उपलब्ध है।इतने लोग मारे गए लेकिन मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने शोक-संवेदना तक व्यक्त नहीं की। जहरीली शराब से, अपराध से प्रतिदिन सैकड़ों बिहारवासी मारे जाते है
लेकिन अनैतिक और सिद्धांतहीन राजनीति के पुरोधा माननीय मुख्यमंत्री और उनकी किचन कैबिनेट के लिए यह सामान्य बात है।कितने भी लोग मारे जाए लेकिन मजाल है किसी वरीय अधिकारी पर कोई कारवाई हो? इसके विपरीत उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा? अगर शराबबंदी के बावजूद हर चौक-चौराहे व नुक्कड़ पर शराब उपलब्ध है तो क्या यह गृह विभाग और मुख्यमंत्री की विफलता नहीं है? क्या मुख्यमंत्री जी होशमंद है? क्या CM ऐसी घटनाओं पर एक्शन लेने व सोचने में सक्षम और समर्थ है? इन हत्याओं का दोषी कौन?’