पश्चिम बंगाल के हावड़ा के डोमजूर में 11 जून को हुई एक आभूषण दुकान मे डकैती मामले मे पुलिस के हाथ बड़ी कामयाबी लगी है. पुलिस ने मामले में पहले ही तीन आरोपियों की गिरफ्तार कर चुकी थी. पुलिस डकैती के इस मामले में लूट की मास्टरमाइंड आशा देवी को गिरफ्तार किया है
डकैती के तार आसनसोल से जुड़े
पुलिस जब मामले की जांच कर रही थी तभी यह पता चला कि डकैती के तार आसनसोल से भी जुड़े हैं. इसके बाद पुलिस आसनसोल पहुंची जहां पुलिस को डकैती की घटना से संबंधित कई सबूत हाथ लगे. सबूतों की बारिकी से जांच करने के बाद पुलिस को यह पता चला की आसनसोल मोहशीला के चासा पट्टी में स्थित एक मकान में एक महिला अपने दो बच्चों के साथ किराए पर रह रही है. इस महिला का नाम आशा देवी उर्फ़ चाची है और इसका संबंध बिहार के समस्तीपुर से है. यह किराए के मकान में दो युवकों और दो बच्चों के साथ पिछले तीन महीने से रह रही थी.
किसी को कानों-कान नहीं लगी भनक
यह महिला देखने में बेहद सिंपल और मासूम है जिससे की सभी को लगा कि वह एक सीधी-साधी पारिवारिक व सभ्य महिला है. आशा देवी उर्फ चाची ने ही आभूषण के दुकान में लूट की योजना बनाई थी. इन लोगों ने आसपड़ोस में बताया था कि वह पत्थर का कारोबार करते हैं और उनका लोडिंग और अनलोडिग का काम है. लेकिन जब पुलिस ने महिला को गिरफ्तार किया तो इलाके में रहने वाला हर एक आदमी सन्न रह गया. मानो उनके पैरों से जमीन खिसक गई कि सीधी-साधी देखने वाली महिला कैसे ये काम कर सकती है.
रानीगंज में लूट का मामला भी बिल्कुल एक जैसा
दरअसल, 10 जून को आसनसोल रानीगंज के एक आभूषण दुकान में डकैती हुई थी. ठीक उसके अगले दिन 11 जून को हावड़ा के डोमजूर में स्थित एक आभूषण दुकान में भी डकैती हुई. दोनों घटनाऔं को अंजाम देने का तरीका तकरीबन एक जैसा है. मानो दोनों घटनाओं की पटकथा लिखने वाला एक ही शख्स है. ऐसे में पुलिस बंगाल में इन दोनों घटनाओं को एक ही एंगल से जांच कर रही है. पुलिस यह सोचकर जांच कर रही है कि कहीं इन दोनों डकैती की घटनाओं को एक ही आदमी ने तो अंजाम नहीं दिया है