मेंहदी : सावन के माह में हरे रंग और मेहंदी का विशेष महत्व होता है. यहां आपको ज्योतिषाचार्य डॉ एन.के.बेरा बता रहे हैं मेहंदी लगाने से क्या क्या धार्मिक महत्व हैं
सावन मास भगवान शिव को समर्पित है. इसकी शुरुआत हो चुकी है. सावन माह में हरे रंग का विशेष महत्व होता है. इस माह में महिलाएं हरी चूडियां, साड़ियां पहनती है, साथ ही इस माह मेहंदी लगाने का भी विशेष महत्व है, आपको बता दें सूखी मेहंदी का रंग हरा होता है जो जब हाथ में रचाई जाती है तो इसका रंग लाल हो जाता है और इससे महिलाओं और लड़कियों की खूबसूरती में चार चांद लग जाते हैं. आज ज्योतिषाचार्य डॉ एन.के.बेरा बता रहे हैं सावन माह में मेहंदी के धार्मिक महत्व के बारे में
हिंदू धर्म में मेहंदी है सौभाग्य का प्रतीक
हिंदू धर्म में मेहंदी को सौभाग्य का प्रतीक माना गया है. सावन माह में महिलाओं द्वारा विशेष रूप से मेहंदी लगाई जाती है. जिससे उनके भाग्य में वृद्दी होती है. महिलाओं को सावन के अलावा तीज, करवा चौथ जैसे व्रतों में भी मेहंदी लगानी चाहिए.
सुहाग की निशानी भी है मेहंदी
वैसे तो कुंवारी लड़कियां भी मेहंदी लगाती हैं, पर शादीशुदा महिलाओं में मेहंदी की अहमियत कई गुना बढ़ जाती है क्योंकि यह सोलह श्रृंगार में शामिल है, साथ ही मेहंदी को सुहाग का प्रतीक भी माना गया है. भोले को समर्पित इस पवित्र माह में श्रृंगार का भी बहुत अधिक महत्व है, इसलिए इस माह मेहंदी लगाने की परंपरा है.
क्या मेहंदी लगाने के वैज्ञानिक फायदे भी हैं ?
मेहंदी से कई वैज्ञानिक फायदे भी हैं. इससे शरीर को ठंडक मिलती है. इसमें एंटी फंगल प्रोपर्टीस होती है, जो इंफेक्शन को रोकता है. बारिश के दौरान इंफेक्शन फैलता है, और मेहंदी लगाने से इंफेक्शन से बचाव होता है.