कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में महिला चिकित्सक के साथ दुष्कर्म और हत्या की घटना को लेकर मचे घमासान के बीच बंगाल के राज्यपाल डॉ. सीवी आनंद बोस गुरुवार शाम को एक बार फिर नई दिल्ली के दौरे पर रवाना हुए। एक सप्ताह के भीतर दूसरी बार राज्यपाल दिल्ली गए है।
बंगाल के राज्यपाल से मिले सुकांत मजूमदार
बंगाल के राज्यपाल के रवाना होने से ठीक पहले बंगाल भाजपा अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने दोपहर में राजभवन जाकर उनसे मुलाकात की। इस मुलाकात में राज्य भाजपा के दोनों शीर्ष नेताओं ने राज्यपाल को आरजी कर घटना से संबंधित मुद्दों और उसके बाद से राज्य सरकार के खिलाफ जारी विरोध प्रदर्शनों, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के ताजा बयान के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
अमित शाह से हो सकती मुलाकात
मुलाकात के तुरंत बाद बंगाल के राज्यपाल दिल्ली के लिए निकल गए। राजभवन सूत्रों ने बताया कि राज्यपाल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर सकते हैं और आरजी कर मामले सहित राज्य के ताजा हालात पर चर्चा और अपनी रिपोर्ट सौंप सकते हैं। पिछले सप्ताह राज्यपाल बोस ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से मिलकर आरजी कर की घटना और इसके बाद की स्थिति से अवगत कराया था।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने राज्यपाल के समक्ष जताई चिंता
इधर, बंगाल के राज्यपाल से मुलाकात के बाद प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मजूमदार ने पत्रकारों से कहा कि जिस तरह से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को धमकी दी कि बंगाल में आग लगी तो यह असम, बिहार, यूपी, झारखंड, ओडिशा और दिल्ली तक फैल जाएगी, वह अकल्पनीय है। एक महत्वपूर्ण पद पर बैठे निर्वाचित मुख्यमंत्री के मुंह से ऐसी टिप्पणी करना ठीक नहीं है। इस तरह के डराने वाले बयान देना लोकतंत्र के लिए खतरा पैदा करता है।
राज्य में कानून व्यवस्था ध्वस्त: मजूमदार
मजूमदार ने कहा कि हमने राज्यपाल के समक्ष अपनी चिंता और आशंकाएं व्यक्त की और उनसे यह भी कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था ध्वस्त हो गई है। राज्यपाल से अनुरोध किया कि वे संवैधानिक प्रावधानों के तहत जो भी कर सकते हैं, करें। राज्यपाल का दिल्ली दौरा इस दृष्टि से और भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
जमात की तरह है ममता की टिप्पणी: भाजपा
सुकांत ने यहां तक कहा कि ममता की टिप्पणी बांग्लादेश में जमात-ए-इस्लामी की टिप्पणियों के समान हैं। बता दें कि सुकांत ने ममता की टिप्पणी के कुछ घंटे बाद बुधवार को गृह मंत्री शाह को भी पत्र लिखकर शिकायत की थी। उन्होंने ममता पर विपक्षी दलों को धमकाने का भी आरोप लगाया और कहा कि मुख्यमंत्री की टिप्पणी तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों को कानून अपने हाथ में लेने और विपक्षी सदस्यों पर हमला करने के लिए उकसा सकती है।