Prashant Kishor लगभग ढाई वर्षों के प्रयास व जन-भागीदारी पर चर्चा के बाद जनसुराज दो अक्टूबर को राजनीतिक दल के स्वरूप में परिवर्तित हो जाएगा। अभी तक यह अभियान था और अब आगे चुनावी राजनीति में Prashant Kishor (पीके) की प्रत्यक्ष भागीदारी होगी।आधिकारिक दावा है कि जनसुराज किसी व्यक्ति, परिवार जाति या वर्ग का न होकर, बिहार में व्यवस्था परिवर्तन के लिए संकल्पित लोगों का दल होगा।
5000 KM पदयात्रा के बाद पार्टी बनाने की आधिकारिक घोषणा
2022 में दो मई को जनसुराज अभियान की परिकल्पना हुई थी। तब से लगभग पांच हजार किलोमीटर की पदयात्रा और पूरे बिहार में जनसंपर्क के बाद निर्णय लिया गया है कि राज्य में व्यवस्था परिवर्तन के लिए इस अभियान को अब राजनीतिक दल का स्वरूप दिया जाए।
वेटनरी कॉलेज में दल का चोला पहनेगा जनसुराज
आधिकारिक रूप से जनसुराज का कहना है कि यह निर्णय सर्व-सम्मति से लिया गया है। गांधी जयंती पर पटना में वेटनरी कॉलेज के मैदान में दोपहर दो बजे से शाम पांच बजे तक समारोह का आयोजन कर जनसुराज को राजनीतिक दल को चोला पहना दिया जाएगा।
मंच पर मुख्य उपस्थिति Prashant Kishor की होगी। उनके साथ सेवानिवृत्त आइएएस-आइपीएस अधिकारी व दूसरे राजनीतिक दल छोड़कर आए कुछ नेता सहभागी होंगे।
Prashant Kishor बड़े जुटान की आशा
जनसुराज इसे बिहार में व्यवस्था परिवर्तन का सामूहिक प्रयास बता रहा और वेटनरी कॉलेज में होने वाले जुटान को एक पड़ाव।
मंगलवार को जनसुराज ने अपने संकल्प में सहभागिता के लिए पूरे बिहार के लोगों का आह्वान किया। चूंकि, बड़े जुटान की आशा है, इसीलिए इस महत्वपूर्ण आयोजन के लिए वेटनरी कॉलेज का मैदान चुना गया।
पदाधिकारियों की भी हो सकती है घोषणा
बहुत संभव है कि मंच से दल के पदाधिकारियों की घोषणा भी हो। पीके पहले ही यह बता चुके हैं कि उनके दल की कमान बारी-बारी से सभी जाति-समुदाय (पिछड़ा-अति पिछड़ा, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक व सवर्ण) के लोगों के हाथों में होगी।