गोपालगंज: बिहार के गोपालगंज के हथुआ राज हवेली में रविवार को संदिग्ध स्थिति में राजा जितेंद्र प्रताप शाही का शव बरामद किया गया है। शव के पास से एक बंदूक भी बरामद की गई है। पुलिस जितेंद्र प्रताप शाही की मौत को प्रथमदृष्टया आत्महत्या मानकर चल रही है। हालांकि, हत्या की आशंका से भी इनकार नहीं कर रही है।
घटना के कारणों के बारे में फिलहाल कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। पुलिस पारिवारिक विवाद और संबंधित घटनाक्रम को देखते हुए जांच में जुट गई है। पुलिस का कहना है कि फोरेंसिक और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। वहीं, परिवार के सदस्य इस बाबत कुछ भी बोलने से परहेज कर रहे हैं।
कैसे घटी घटना
जानकारी के अनुसार, रविवार दोपहर करीब 1.10 बजे एक लाइसेंसी हथियार से चली गोली जितेंद्र प्रताप शाही को लगी, जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गयी। खून से लथपथ शव हवेली की ऊपरी मंजिल वाले कमरे में देखकर वहां के कर्मचारियों ने पुलिस को सूचना दी।
सूचना मिलने पर हथुआ के एसडीपीओ अनुराग कुमार मौके पर पहुंचे और मामले की जांच की। पुलिस को मौके से उनकी 12 बोर की एक लाइसेंसी बंदूक भी मिली। कमरे को सील करने के बाद पुलिस ने इसकी सूचना एफएसएल टीम
कैलाश शाही के सबसे छोटे भाई थे जितेंद्र प्रताप
हथुआ राज, जितेंद्र प्रताप हथुआ दिवंगत कैलाश शाही उर्फ बबुआ जी के सबसे छोटे भाई थे। बताया गया कि वे परिवार के साथ पटना में रहते थे और अपनी संपत्ति की देखभाल के लिए हथुआ आते रहते थे। हथुआ में उनके बड़े भाई शैलेंद्र प्रताप शाही और भतीजे रहते थे।
वे मंगलवार को हथुआ आए थे। पुलिस परिवार के सदस्यों व कर्मियों से एक-एक कर पूछताछ कर रही है। एसपी स्वर्ण प्रभात ने बताया कि प्रथमदृष्टया मामला आत्महत्या का लगा रहा है। हालांकि, पुलिस मृतक के साथ पूर्व के विवाद, परिवारिक विवाद समेत अन्य घटनाओं पर भी नजर रखकर जांच कर रही है।
हथुआ राज तीन भाइयों में सबसे छोटे थे जितेंद्र प्रताप
विदित हो कि हथुआ राज के राजा शिव प्रताप शाही के एकमात्र बेटे विश्वनाथ प्रताप शाही के तीन बेटों में जितेंद्र प्रताप शाही सबसे छोटे थे। विश्वनाथ प्रताप शाही के तीन बेटों में सबसे बड़े भाई कैलाश शाही उर्फ बबुआ जी और दूसरे पुत्र शैलेंद्र प्रताप शाही हैं।
शैलेंद्र प्रताप शाही पहले हथुआ राज अनुमंडलीय न्यायालय में वकालत करते थे। पिछले कुछ समय से वे जमीन की बिक्री कर रहे थे, जिसकी जानकारी जितेंद्र प्रताप शाही को थी। इसे लेकर कुछ विवाद था। हाल ही में शैलेंद्र प्रताप शाही ने हथुआ थाना में धोखाधड़ी की प्राथमिकी भी दर्ज की थी। पुलिस इस मामले में जांच कर रही है।