उत्तर प्रदेश के नोएडा के सेक्टर-51 स्थित एक नामी अस्पताल के प्रबंधक के खिलाफ केस दर्ज हुआ हैं। अस्पताल में हुई एक बड़ी लापरवाही ने सभी को हैरान कर दिया है। क्लाउड नाइन अस्पताल प्रबंधक पर एक महिला ने गंभीर आरोप लगाए है। महिला का आरोप है कि डॉक्टरों के एक पैनल ने ऑपरेशन के दौरान उसके पेट में 23 सेंटीमीटर लंबा पाइप छोड़ दिया। करीब सात महीने तक दर्द सहने के बाद जब महिला ने दूसरे अस्पताल में जांच कराई, तो इस चौंकाने वाले सच का खुलासा हुआ है।
दिल्ली के पटपड़गंज स्थित वंदना अपार्टमेंट्स में रहने वाली किरन नेगी ने पुलिस को दी शिकायत दी। बताया कि उन्होंने 2 फरवरी 2023 में क्लाउड नाइन अस्पताल में गर्भाशय फाइब्राइड रिमूवल की सर्जरी कराई थी। यह सर्जरी अस्पताल के डॉक्टर इला गुप्ता, विपलब मुकोपाध्याय और उनकी टीम ने की थी। सर्जरी के दौरान उनके पेट में एक ड्रेन बैग लगा था, जो 4 दिन बाद निकलना था।
दर्द की समस्या को डॉक्टर ने किया अनदेखा
हालांकि अगले दिन ड्यूटी स्टाफ की तरफ से बैग को खाली करते वक्त बैग निकल गया। इस पर ड्यूटी डॉक्टर ने कहा कि चिंता कि कोई बात नहीं। इसके बाद 4 फरवरी 2023 को उन्हें डिस्चार्ज कर दिया। लगभग एक हफ्ते बाद वह फॉलोअप के लिए डॉक्टर इला गुप्ता की ओपीडी में पहुंची। किरन ने डॉक्टर को बताया कि जिस दिन अस्पताल से डिस्चार्ज होकर घर पहुंची उसी दिन से मेरे पेट में दर्द हो रहा है। इसके बाद डॉक्टर इला ने डॉक्टर विपलब और स्वाति राजपुरे से बात कर उन्हें आश्वासन दिया कि यह मांसपेशियों में दर्द है। डॉक्टरों ने उन्हें 6-7 महीने रुकने को कहा।
मैक्स अस्पताल में कराई दोबारा सर्जरी
किरन ने बताया कि 6-7 महीने बाद भी जब पेट दर्द ठीक नहीं हुआ तो मैंने दूसरे डॉक्टर को दिखाया। डॉक्टर ने अल्ट्रासाउंड और सीईसीटी स्कैन करने पर बताया की मेरे पेट में एक पाइप है, जिसके लिए दुबारा सर्जरी करानी पड़ेगी। किरन ने बताया कि इसके बाद 9 अक्टूबर 2023 को उन्होंने मैक्स अस्पताल में सर्जरी कराई।
इस दौरान उनके पेट से 23 सेंटीमीटर यानी 9.5 इंच का लंबा पाइप निकला, जो फरवरी 2023 वाली सर्जरी के दौरान क्लाउड नाइन अस्पताल के डॉक्टरों ने उनके पेट में छोड़ दिया था। डॉक्टरों की लापरवाही और इस पाइप के कारण से उन्हें 6-7 महीने दर्द से गुजरना पड़ा। इस मामले में पुलिस का कहना है कि महिला की दी गई शिकायत के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। मामले की जांच की जा रही हैं। जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।