मां-बेटी: उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले की एक अदालत ने दो साल पहले सिकंदराराऊ थाना क्षेत्र के कपसिया गांव में अपनी 17 वर्षीय बेटी की मदद से अपने पति की हत्या करने के आरोप में एक महिला को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. महिला के 18 वर्षीय बेटे की गवाही ने 45 वर्षीय महिला को दोषी ठहराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. दोषी पत्नी पति द्वारा घर से बाहर नहीं जाने देने की आदत से परेशान हो गई थी, जिसके चलते उसने अपनी नाबालिग बेटी के साथ मिलकर हत्या की साजिश रच डाली.
मां-बेटी के साथ मिलकर 27 अगस्त, 2022 को पति पर धारदार हथियार से हमला कर दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया. अलीगढ़ के एक अस्पताल में रेफर किए जाने के बावजूद, दो दिन बाद उसने दम तोड़ दिया. मामला तब सामने आया जब दंपति के 18 वर्षीय बेटे ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद जांच शुरू हुई.
पुलिस ने आईपीसी की धारा 302 (हत्या) के तहत मामला दर्ज किया. आरोप पत्र से पता चला कि दंपति के बीच अक्सर बहस “अनैतिक गतिविधियों” में शामिल होने के आरोपों के कारण होती थी, जिसका सिंह ने विरोध किया और उसे बाहर जाने से रोक दिया. आरोप पत्र में इस बात पर जोर डाला गया कि महिला और उसकी बेटी ने उस व्यक्ति की आपत्तियों से नाराज होकर उसे मारने की साजिश रची थी.
अभियोजन पक्ष ने अदालत को बताया, “दोनों के बीत अक्सर लड़ाई-झगड़े होते रहते थे और बात तब और खराब हो गई, जब महिला ने हत्या की साजिश रच डाली. इसके बाद अदालत ने सबूतों और गवाही से कांति देवी की अपराध में संलिप्तता निर्णायक रूप से साबित हुई, जिसके कारण उन्हें आजीवन कारावास की सजा हुई. उनकी बेटी के मामले की सुनवाई हाथरस की किशोर अदालत में हो रही है.