टिकट चेकिंग स्टाफ ने पंजाब मेल में एक ऐसे व्यक्ति को पकड़ा जो खुद को डीआरएम बता रहा था। अमरजीत सिंह नाम के इस स्टाफ ने ट्रेन नंबर 12138 में यह कार्रवाई की। उस व्यक्ति के पास कोई पहचान पत्र या टिकट नहीं था। बाद में पता चला कि उसका नाम वरुण सहगल है। रेलवे पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया और उस पर जुर्माना लगाया है।
एसी के फर्स्ट क्लास कोच में मिला शख्स
यह घटना तब हुई जब टिकट चेकिंग स्टाफ अमरजीत सिंह पंजाब मेल में ड्यूटी कर रहे थे। उन्होंने फर्स्ट क्लास के H/A-1 कोच के कूपे सं -बी में एक व्यक्ति को पाया। जब अमरजीत सिंह ने उस व्यक्ति से उसका परिचय पूछा, तो उसने खुद को डीआरएम बताया।
शक होने पर मांगी आईडेंटिटी
अमरजीत सिंह को उस पर शक हुआ। उन्होंने उससे पहचान पत्र और यात्रा की अनुमति दिखाने को कहा लेकिन वह व्यक्ति कुछ भी नहीं दिखा पाया। इसके बाद, अमरजीत सिंह ने रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) को इसकी सूचना दी।
पूछताछ में हो गया पर्दाफाश
आरपीएफ के जवानों ने उस व्यक्ति से पूछताछ की। उसने अपना नाम वरुण सहगल बताया। उसके पास कोई भी पहचान पत्र नहीं था। उसके पास ऐसा कोई कागज भी नहीं था जिससे उसकी पहचान साबित हो सके। बीना स्टेशन पर टीटीई ने एक मेमो दिया। इस मेमो में रेलवे सुरक्षा बल बीना के सहायक उप निरीक्षक कंचन कुमार ताम्रकार और राजकीय रेलवे पुलिस के सहायक उप निरीक्षक केवल सिंह को इस बारे में बताया गया लेकिन तब तक ट्रेन चल चुकी थी। इसलिए बीना में फर्जी डीआरएम को नहीं उतारा जा सका।
टीटी ने भेजा भोपाल
इसके बाद उस व्यक्ति को दो स्टाफ के साथ भोपाल भेजा गया। टीटीई ने उस फर्जी डीआरएम से 4170/- रुपए का किराया और जुर्माना वसूला। ट्रेन के भोपाल स्टेशन पर पहुंचने पर, राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) भोपाल ने उस फर्जी डीआरएम को गिरफ्तार कर लिया। यह गिरफ्तारी टीटीई के मेमो के आधार पर हुई। जीआरपी थाना भोपाल ने वरुण सहगल के खिलाफ अपराध क्रमांक 1621/ 25 धारा 145,146 के तहत रेल अधिनियम के तहत कार्रवाई की। उस पर 1500 रुपए का जुर्माना और 4100 रुपए का दंड लगाया गया।