Gopalganj: भागदौड़ और तनाव भरी जिंदगी में महिलाओं का सब्र टूटता जा रहा है, जिसके कारण वे घरेलू विवादों और मानसिक तनाव के चलते कई बार जानलेवा कदम उठा रही हैं. सोमवार को अलग-अलग स्थानों से तीन ऐसी घटनाएं सामने आयीं, जहां महिलाओं ने कीटनाशक का सेवन किया. हालांकि, समय रहते परिवार के सदस्यों ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया और उनकी जान बचायी जा सकी.
पति-पत्नी के बीच गहराया विवाद
पहली घटना सीवान जिले के जामो थाना क्षेत्र के बलडीहा गांव की है. यहां घरेलू कलह के कारण पति-पत्नी के बीच विवाद इतना बढ़ गया कि महिला ने कीटनाशक का सेवन कर लिया. कमरे में महिला को बेहोश देख परिवार में घबराहट मच गयी और तुरंत उसे सिधवलिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया. वहां प्राथमिक उपचार के बाद महिला को बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल रेफर किया गया. फिलहाल, सदर अस्पताल में महिला की हालत गंभीर बनी हुई है. डॉक्टर उसकी जान बचाने के लिए लगातार इलाज कर रहे हैं.
गुस्से में खायी सल्फास की गोलियां
दूसरी घटना Gopalganj थावे थाना क्षेत्र के हरदिया गांव से सामने आयी. यहां घरेलू विवाद के कारण महिला ने घर से बाहर निकलकर दूसरे के खेत में सल्फास की आठ गोलियां खा लीं. गोलियां खाने के बाद महिला खेत में गिरकर बेहोश हो गयीं. आसपास के किसानों ने महिला को अचेत अवस्था में देखा और परिजनों को सूचित किया. परिजन महिला को तुरंत सदर अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां उसकी हालत गंभीर बतायी जा रही है और वह डॉक्टरों की देखरेख में है.
चूहा मारने वाली खा ली दवा
तीसरी घटना Gopalganj नगर थाना क्षेत्र के थावे रोड की है, जहां किराए के मकान में रहने वाली महिला ने शराब के नशे में अपने पति से झगड़ा किया और फिर चूहा मारने वाली दवा का सेवन कर लिया. महिला को दवा खाते देख आसपास के लोगों ने उसे Gopalganj अस्पताल में भर्ती करवा दिया, जहां महिला की हालत खतरे से बाहर बतायी गयी. महिला के मायके वाले अस्पताल पहुंचे और उन्होंने महिला और उसके पति को समझाने की कोशिश की. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर शराब पीने या मारपीट की घटनाएं फिर से हुईं, तो वे पुलिस में शिकायत करेंगे और कार्रवाई करायेंगे.
क्या कहते हैं Gopalganj मनोरोग चिकित्सक
भागदौड़ और तनाव भरी जिंदगी में खुद को समय देना जरूरी है. टेंशन या तनाव के समय गहरी सांस लें, थोड़ी देर के लिए शांत बैठें, खुद को सकारात्मक सोच में ढालें, और हल्का शारीरिक व्यायाम करें. मानसिक शांति मिलने पर सबकुछ ठीक हो जायेगा. परिवार के सदस्यों को भी महिलाओं के सम्मान और उनकी भावना को समझना पड़ेगा.