Plot बेचकर America जाने वाले दो भाइयों की कहानी-2025

America से भेजे गए दूसरे विमान में 119 भारतीयों में से गुरदासपुर के गांव खानोवाल के दो चचेरे भाई हरजोत सिंह और हरजीत सिंह भी डिपोर्ट होने के बाद अपने घर पहुंचे हैं। जिससे परिवार में खुशी की लहर है। हरजीत सिंह व हरजोत सिंह की मां गुरप्रीत कौर और बलविंदर कौर ने अपने वापिस लौटने पर अपने बेटों का माथा चूमा।

America से डिपोर्ट होकर आए हरजीत सिंह ने बताया कि 13 अक्टूबर 2024 को वह घर से America के लिए निकले थे। उस समय एजेंट ने उन्हें यह बताया था कि वह कानूनी तौर पर America भेंजेगे। वह दोनों गुवाना (साउथ अफ्रीका) पहुंचे। जहां पर वह एक महीने तक रहे। वह अपने साथ तीन-तीन हजार यूएसए करंसी भी लेकर गए थे। उन्हें वहां पर एक डौंकर मिला, जिसने दोनों को पहुंचाने के लिए 700-700 डॉलर दिए थे। टैक्सी के माध्यम से उन्हें बहाजल से लीमा तक पहुंचाया। वह पनामा के जंगलों के माध्यम से America पहुंचे।

Plot बेचकर America जाने वाले दो भाइयों की कहानी-2025

बक्से में चार घंटा बंद रखने की धमकी

दोनों भाइयों ने अपना प्लॉट और दो एकड़ जमीन बेचकर प्रति व्यक्ति 45 लाख रुपये खर्च किए और अवैध तरीके से (डंकी मारकर) America पहुंचे थे। डंकी के माध्यम से पनामा के जंगलों में उनके साथ काफी मारपीट हुई और डंकर उन्हें पिस्तौल दिखाकर धमकाते थे कि अगर वह नहीं चले तो उन्हें मार दिया जाएगा। जहाज में भी उन्हें बेड़ियों से बांधकर लाया गया और America आर्मी वाले धमकाते थे कि अगर किसी ने कोई आवाज निकाली तो उन्हें एक बक्से में 4 घंटे के लिए बंद कर दिया जाएगा।

आर्मी को चकमा देकर हरजोत फरार

उन्होंने बताया कि उसका चचेरा भाई हरजोत सिंह को काफी कुछ सहना पड़ा है। उसने बताया कि उन्हें कोलंबिया से America नेपाल की नकली आईडी बना कर पनामा जंगलों से भेजा जा रहा था। हरजोत सिंह की उम्र 21 वर्ष थी, लेकिन एजेंट ने उसकी आईडी में उसकी उम्र 35 साल कर दी थी। उन्होंने इसका विरोध भी किया था, लेकिन एजेंट नहीं माना। जब वह जा रहे थे तो हरजोत सिंह रास्ते में पकड़ा गया, मगर वह वहां से निकल गया था। हरजोत सिंह को वहां पर गिरफ्तार कर लिया गया और हथकड़ी लगाकर उसे कैंप में लेकर जा रहे थे तो हरजोत सिंह आर्मी को चकमा देकर वहां से फरार हो गया।

एजेंट ने दिया धोखा, एक नंबर के बदले दो नंबर से भेजा

उन्होंने बताया कि पनामा के जंगलों दो दिन घूमता रहा तब उसके साथ काफी हादसे हुए। उसे काफी चोटें भी लग गई थीं, लेकिन बाद में वह फिर पकड़ा गया। जिसे फिर कैंप में भेज दिया गया और हम दोनों को America से डिपोर्ट कर दिया गया था। इस बात का उसके दिमाग पर गहरा सदमा लगा और उसकी आज यह हालत हुई है कि वह डिप्रेशन में है और किसी से कोई बातचीत नहीं कर रहा। वहीं हरजीत सिंह की माता गुरप्रीत कौर ने बताया कि दोनों परिवारों में 45-45 लाख रुपये खर्च कर दोनों बेटों को America भेजा था। तब एजेंट से बात हुई थी कि एक नंबर में इन्हें भेजा जाएगा, लेकिन एजेंट धोखा दे दिया और बच्चों को दो नंबर में पनामा जंगलों के जरिए डंकी लगाकर भेजा गया।

सब कुछ बेच कर जमा किए थे पैसे

जब वह America बॉर्डर पर पहुंचे तो वहां उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था और आज उन्हें वापस घर भेज दिया गया है। उन्होंने बताया कि सब कुछ बेच कर पैसे इकट्ठे कर उन्होंने भेजा था। अब उनके पास कुछ नहीं बचा। वह सारी जिंदगी इस सदमे से उभर नहीं पाएंगे। उन्होंने मांग किया कि पंजाब और केंद्र सरकार इन एजेंटों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे और इन एजेंटों से उन्हें पैसा दिलाया जाए ताकि वह आगे की अपनी जिंदगी गुजार सके। परिवार ने बताया कि दोनों भाई देर रात घर पहुंचे थे।

18 दिन तक बनाकर रखा गया बंदी

उन्होंने बताया कि पकड़े जाने के बाद एक कमरे में 50-50 व्यक्तियों को बंदी बनाकर रखा गया। जहां पर एक-एक चिप्स, सेब, चॉकलेट, कच्चे पक्के चावल देते रहे। 18 दिन तक उन्हें यह खाकर गुजारा करना पड़ा। उन्होंने युवाओं से अपील की है कि वह किसी गलत एजेंट के हत्थे न चढ़े। उसकी सही तरीके से जांच पड़ताल करने के बाद ही अपना विदेश में वीजा लगवाएं। इसके साथ ही उन्होंने सरकार से मांग की कि गलत तरीके से भेजने वाले एजेंट के खिलाफ मामला दर्ज किया जाए।

1 thought on “Plot बेचकर America जाने वाले दो भाइयों की कहानी-2025”

Leave a Reply

Refresh Page OK No thanks