जगनमोहन रेड्डी को झटका, राज्यसभा के दो सांसदों ने दिया इस्तीफा,-2024

वाईएस जगनमोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआरसीपी को बड़ा झटका लगा है। दो राज्यसभा सांसदों ने पार्टी और राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। ये दोनों नेता अब तेलुगू देशम पार्टी(टीडीपी) में शामिल हो सकते हैं। इससे दिल्ली में वाईएसआरसीपी जगनमोहन रेड्डी का प्रभाव कम होता दिख रहा है। उधर, राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने दोनों सांसदों का इस्तीफा मंजूर कर लिया है। यह जानकारी सूत्रों के हवाले से पीटीआई ने दी है। इस्तीफा देने वाले सांसद हैं मोपीदेवी वेंकटरमण और बेदा मस्तान राव। वेंकटरमण का कार्यकाल जून 2026 तक था, जबकि राव का कार्यकाल जून 2028 तक था।

टीडीपी में जा सकते हैं दोनों नेता

माना जा रहा है कि दोनों नेता एन चंद्रबाबू नायडू की अगुवाई वाली टीडीपी में शामिल हो सकते हैं। टीडीपी ने इस साल हुए आम चुनाव के साथ हुए आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव में जबरदस्त जीत हासिल की थी। हाल ही में दोनों नेताओं ने टीडीपी प्रमुख और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबु नायडू से मुलाकात की थी। इन दो सांसदों के जाने के बाद राज्यसभा में वाईएसआरसीपी जगनमोहन रेड्डी के पास अब नौ सांसद रह गए हैं। लोकसभा में पार्टी के चार सांसद हैं। उम्मीद है कि इस्तीफा देने वाले दोनों सांसदों को टीडीपी राज्यसभा भेजेगी। यह टीडीपी के लिए अच्छी खबर है क्योंकि 2019 के बाद से उच्च सदन में उसकी कोई सीट नहीं थी।

जगनमोहन रेड्डी : पहले टीडीपी में रह चुके हैं राव

बेदा मस्तान राव पहले टीडीपी में थे और 2009 से 2014 तक आंध्र प्रदेश के कवाली निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। 2019 में वह वाईएसआरसीपी में शामिल हो गए थे। वहीं वेंकटरमण कांग्रेस में थे। वह दो बार विधायक रह चुके हैं और जगन मोहन रेड्डी के पिता दिवंगत वाईएस राजशेखर रेड्डी की सरकार में राज्य मंत्री के रूप में काम कर चुके हैं।

जगन मोहन को झटकाचुनावी हार के बाद से जगन मोहन रेड्डी की पार्टी नेताओं के दल-बदल को रोकने के लिए जूझ रही है। ऐसे में दोनों सांसदों का जाना पार्टी के लिए एक और झटका है। इस बार लोकसभा चुनाव में वाईएसआरसीपी को सिर्फ चार सीटें मिली हैं। राज्यसभा में भी उसकी ताकत कम हुई है। इससे साफ है कि दिल्ली में वाईएसआरसीपी का प्रभाव कम हो रहा है

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